गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

साथियों
खुशामदीद,खैरमकतम,इस्तकबाल, सुस्वागतम,& most welcome
मै आपका दोस्त ,आपका साथी ,आपका हमनवा ,हमदम ,और संघर्षो में हमसफ़र ,जीवन की हर लड़ाई साथ लड़ने वाला यानि कामरेड सुधांशु आप लोगो से रूबरू हु youth-e-azam कके बहाने ~
बचपन से ही दुनिया को समझने की चाहत ,नौजवानी में दुनिया में परिवर्तन (क्रांति) की जरुरत में त्रब्दिल हो गयी !भगत सिंह ,चेग्वेरा ,कामरेड चरुमजुमदार,कामरेड चंद्रशेखर की अदुरी ख्वाहिशों ने इस जरुरत को जूनून में तब्दील क्र दिया ,भलेही वह शहीद हो गए पर नौजवानों के जज्बातों में आज भी जिन्दा है और तब तक जिन्दा रहेंगे जब तक इनके सपनो को मंजिल न मिल जाये अर्थात
"मानव द्वारा मानवके शोषण की सभी प्रकार की संस्कृतियों का अंत "
इन सपनो को परवाज देने के बिच ढेर सारीबाते ,ढेर सारेसवाल और ढेर सारे जज्बात जेहन में उठते है ,उन्हें बाटने के लिए मै सुधांशु आप लोगो से रूबरू हूँ youth-e-azam के जरिये !
जहाँ सिर्फ क्रांति की मशाल ही नही जीवन के और भी रंग इस कैनवास पर बिखेरनी की कोशिश करूँगा,इन्ही ढेर बातों के साथ
क्रन्तिकारी अभिवादन
इन्कलाब जिंदाबाद
क्रन्तिकारी विरासत जिंदाबाद

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